प्रकाश बिखरता है, दुनिया को मुस्कुराता हुआ,
फूल खिलते हैं, हर रास्ते में खुशबू फैलाते हुए।
ज्ञान की किरणें हर जगह बहती हैं,
शक्ति दूसरों के सपनों को पोषित करती है।
स्नेह का स्पर्श कभी न खोने वाला,
मौन प्रेरणा दिलों को जगाती है।
की गई क्रियाएँ पंखों पर उड़ती हैं,
शांत शक्ति दुनिया को उत्तेजित करती है।
हर सुंदर दृश्य चमकता है,
जो दिया गया वह लौटकर फिर आता है।
जीवन की रचनात्मकता में सब चमकता है,
साझा किया गया प्रकाश फिर दुनिया तक पहुँचता है।
जी आर कवियुर
09 10 2025
( कनाडा, टोरंटो)
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