Saturday, October 25, 2025

तेरे बिना। (ग़ज़ल)

तेरे बिना। (ग़ज़ल)

तेरे बिना कहीं जाना मुमकिन नहीं,
हर ख़्वाब भी खिला नहीं तेरे बिना(2)

तेरी यादों में मैं खो जाता हूँ,
तेरी हँसी के बिना मन खाली है तेरे बिना(2)

चाँदनी रातों में मैं तेरा नाम लेता हूँ,
तारे भी पूछते हैं, तू कहाँ है तेरे बिना (2)

दिल की यात्रा अधूरी लगती है,
हर रास्ते में मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ तेरे बिना(2)

सपनों में ही तू खिलता है,
हर साँस में तू मेरे साथ है तेरे बिना(2)

जी आर कहते हैं,
तेरे बिना यह जिंदगी पूरी नहीं तेरे बिना(2)

जी आर कवियुर 
25 10 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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