Monday, September 15, 2025

स्वर संगम

स्वर संगम

चाँद सोता है घाटियों में
सपने मिलकर बहते समय में
हमेशा एक सपना, मेरे प्यार
दिल की धड़कनों में… संगीत की तरह

आँखों में खिलते सुरों का संगम
दिल में जागती है कोमल अनुभूति
मौन पलकों पर गिरता
मीठी, हल्की बारिश की तरह

हवाओं के हाथों में एक कोमल सपना
धीरे-धीरे खिलता अपने समय में
रास्तों में चमकते तारे
विचारों की तरह गिरते, रात को भरते

जी आर कवियुर 
16 09 2025
(Canada,Toronto)

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