शैलपुत्री माँ, भक्तिदायिनी माँ,
शिवशक्ति रूपा, करुणा की धारा।
पर्वतराज की बेटी, परमज्योति,
संकट मिटाओ, दो वरदान माँ।
त्रिशूल है हाथों में, चंद्रकला शोभे,
धर्म की ज्योति से, जीवन को निहारे।
भक्त गाएँ मिलकर, चरणों में झुककर,
नवरात्रि पूजा में, वास करो माँ।
सत्य का सहारा, प्रेम की रखवाली,
माँ तेरे रहते, दुःख न आए कोई।
पर्वत पर विराजे, परमशक्ति माता,
भक्तों के दिलों में, सदा वास करो माँ।
जी आर कवियुर
22 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
माँ ब्रह्मचारिणी (Navaratri – Day 2)
माँ ब्रह्मचारिणी, तप की ज्योति,
भक्ति का दान दो, शक्ति की ज्योति।
हाथों में जपमाला, कर कमंडलु,
साधना स्वरूपा, सत्य की धारा।
भक्त तुम्हें पुकारें, चरणों में नत हों,
संकट हरो माता, सुख के पथ दो।
नवदुर्गा में माँ, दूसरी ज्योति,
अनंत कृपा कर दो, जीवन में शांति।
व्रत और उपवास से, तप की पहचान,
माँ तेरे आशीष से, कटे सब तूफ़ान।
ध्यान और समाधि की, अद्भुत ज्योति,
माँ ब्रह्मचारिणी, दे सद्बुद्धि।
जी आर कवियुर
22 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
माँ चंद्रघंटा (Navaratri – Day 3)
माँ चंद्रघंटा, शांति की धारा,
भय मिटाने वाली, करुणा की धारा।
सिंह पर विराजे, दसों हथियार,
भक्तों के जीवन में, भर दो प्यार।
घंटे की ध्वनि से, हटे अंधियारा,
तेरे चरणों में माँ, मिले सहारा।
तेरा स्वरूप है, साहस की मूरत,
तेरी कृपा से कटे, जीवन की मुश्किल।
भक्ति का दीपक, जले हर द्वारे,
माँ चंद्रघंटा, कृपा बरसाओ।
शक्ति की साधना, रक्षा का वचन,
तेरी शरण में माँ, पूर्ण हो जीवन।
जी आर कवियुर
22 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
कूष्माण्डा (Navaratri – Day 4)
माँ कूष्माण्डा, प्रकाश की मूरत,
सृजन की शक्ति, करुणा की धारा।
सूर्यकिरणों में, ज्वलित रूप आपकी,
भक्तों के हृदय में, भय दूर करें माँ।
आठ हाथों में, आयुधों का तेज,
सृष्टिशक्ति बन, आशीष दे आप।
फूलों की महक, भक्ति के गीत,
नवदुर्गा में माँ, दीप बनकर रहें।
दिन-रात आपके सहारे उजियारे,
भक्तों के मन में शांति भर दें।
जीवन के मार्ग में, प्रेम की रोशनी,
माँ कूष्माण्डा, सदा वास करें।
जी आर कवियुर
23 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
माँ स्कंदमाता (Navaratri – Day 5)
माँ स्कंदमाता, करुणा की माता,
संतानों की रक्षक, भक्तों की धनदाता।
सिंह पर विराजे, बालक कंधे पर लिए,
भक्तों के हृदय में प्रेम और शांति बिठाएं।
त्रिपुंड और कमलधारी, रूप अद्भुत आपका,
संकट हर लें माँ, जीवन में सुख बढ़ाएं।
भक्ति भाव से गाएं, चरणों में नत हों,
नवदुर्गा में माँ, अनंत कृपा बरसाएं।
ज्ञान और शक्ति का प्रकाश आप फैलाएं,
भक्तों के मार्ग को सरल और उज्जवल बनाएं।
माँ स्कंदमाता, कृपा की मूरत,
सदा हमारे हृदय में वास करें।
जी आर कवियुर
23 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
माँ कात्यायनी (Navaratri – Day 6)
माँ कात्यायनी, धैर्य की मूरत,
भक्तों को रक्षक, करुणा की धारा।
सिंह पर विराजे, हाथों में आयुध लिए,
भय दूर करें माँ, जीवन में सुख भरें।
फूलों की खुशबू, हवा में नृत्य करती,
नवदुर्गा में माँ, दीप बनकर रहें।
भक्त मिलकर गाएँ, चरणों में नतमस्तक हों,
कात्यायनी माँ, कृपा बरसाएँ आप।
शक्ति से संसार को सुंदर बनाएं,
भक्ति और विश्वास से हृदय भरें।
भक्त हृदयों में सदा वास करें आप,
कात्यायनी माँ, दिव्य मार्ग दिखाएं।
जी आर कवियुर
23 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
Day 7 – माँ कालयात्रि
माँ कालयात्रि, भयमुक्त करने वाली,
भक्तों की रक्षक, करुणा की मूरत।
रक्तज्वाला रूपी, संकट हराने वाली,
संकट दूर कर, जीवन में सुख लाने वाली।
भयभीत रूप के बावजूद, करुणामयी,
नवदुर्गा में माँ, दीप बनकर रहें।
भक्त गाएँ, चरणों में नतमस्तक हों,
कालयात्रि माँ, कृपा बरसाएँ आप।
शक्ति से सभी बुरी शक्तियों को हराएँ,
भक्त हृदयों में सदा शांति भरें।
8 th day माँ महागौरी
माँ महागौरी, पवित्र मूरत,
भक्तों के हृदय में सदा वास करने वाली।
दीप जैसी उज्जवल, पापों को हराने वाली,
भक्त जीवन में सुख और आनंद भरने वाली।
हवा में फूलों की खुशबू, नीले आकाश में,
नवदुर्गा में माँ, दीप बनकर रहें।
भक्त मिलकर गाएँ, चरणों में नत हों,
महागौरी माँ, कृपा बरसाएँ आप।
विश्वास का प्रकाश, करुणा की ज्योति,
भक्त हृदयों में सदा स्थायी रहें आप।
संकट दूर करने वाली, सुख देने वाली,
महागौरी माँ, सदा वास करें।
9 th day माँ सिद्धिदात्री
माँ सिद्धिदात्री, कृपा देने वाली,
भक्तों के हृदय में सफलता देने वाली।
अच्युत और सत्य का वरदान, ज्ञान की देवी,
जीवन में समृद्धि और शांति फैलाने वाली।
चरणों में अनुग्रह की ज्योति,
नवदुर्गा में माँ, दीप बनकर रहें।
भक्त मिलकर गाएँ, नतमस्तक हों,
सिद्धिदात्री माँ, कृपा बरसाएँ आप।
संकट दूर करने वाली, सफलता देने वाली,
भक्तों में सदा वास करें आप।
सत्य, धर्म और प्रेम का वरदान,
सिद्धिदात्री माँ, शांति प्रदान करें।
जी आर कवियुर
23 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
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