तेरी यादों में चुपके चलना चाहते हैं,
फिर उन सुनहरे बीते दिनों में रहना चाहते हैं।
तेरे ख्यालों की बारिश में भीगना चाहते हैं,
हर बूंद में बस तेरा नाम लेना चाहते हैं।
चाँद की चांदनी भी तेरी हँसी सी लगे,
रात भर तेरे ख्यालों में खो जाना चाहते हैं।
गुज़रते लम्हों की स्याही में लिख दी है,
हर ख्वाब तेरा ही पलटना चाहते हैं।
सन्नाटे में भी तेरी आवाज़ गूँजती है,
दिल से तुझे हरदम पुकारना चाहते हैं।
जी आर के नाम से रोशनी फैलाई,
तेरी मोहब्बत में ये दिल बस जाना चाहते हैं।
जी आर कवियुर
17 09 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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