शांत पानी के ऊपर लाल चाँद उभरता है,
सीएन टावर के पास इसके प्रतिबिंब झिलमिलाते हैं।
शहर की बत्तियाँ छोटी आग की लौ जैसी चमकती हैं,
सन्नाटे भरी गलियों में रात की हवा धीरे बहती है।
अंधेरे आकाश में बादल धीरे-धीरे तैरते हैं,
चाँद की कोमल रोशनी लहरों में झलकती है।
स्थिर पानी पर पुल धीरे-धीरे घुमते हैं,
चमकते आकाश के तारे चुपचाप देख रहे हैं।
संध्याकालीन धुंध में सितारे लाजवाब नजर आते हैं,
किनारे पर लहरें धीरे-धीरे मुस्कराती हैं।
जहाँ जल और आकाश मिलते हैं वहाँ जादू सा है,
इस गहरी लाल रात में समय थोड़ी देर रुकता है।
जी आर कवियुर
08 09 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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