समय ही साक्षी, तुम्हें सभी कथाएँ सुनाई,
सूरज की रौशनी, इतिहास को छुपाई।
स्मृतियों के रास्ते धीरे-धीरे उजले,
नई सुबह आशा के साथ आई।
आँखों के आँसुओं में बिखरे सपने,
हँसी की छाया में दर्द छुपा।
सागर की लहरों में प्रेम प्रतिबिंबित हुआ,
फूलों में खिले जीवन के गीत।
सितारों की खामोश बातें,
चाँदनी में खुले रहस्य।
मौसम लाया बदलाव,
दिल की धड़कनें ही सच्चाई बनीं।
जी आर कवियुर
02 09 2025
( कनाडा , टोरंटो)
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