तेरी ख़बर नहीं है, ऐ साजन,
दिल में बस गई तेरी यादें, ऐ साजन।
राहों में खोजा तुझे हर पल,
मिल न सकी तेरी आहटें, ऐ साजन।
चिट्ठी न पैग़ाम कोई पहुँचा,
आँखों में बस गई तसवीरें, ऐ साजन।
तेरे बिना ये मौसम वीरां,
फूलों में सूनी महकें, ऐ साजन।
कह रहा है ये दिल अभी भी,
तेरे नाम गा रहा “जी आर”, ऐ साजन।
जी आर कवियुर
26 09 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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