Monday, September 15, 2025

लाल छतरी के नीचे

 लाल छतरी के नीचे



लाल छतरी की छाँव तले,

टोरंटो की गलियों में बैठे हम चले।

छोटी-सी चाहत, दिल का सहारा,

फ्रेंच फ्राइज़ संग डाइट कोला प्यारा।


शहर की रफ़्तार, गाड़ियों का शोर,

फिर भी मिलता सुकून, दिल के अंदर और।

तेरा हाथ थामे, प्रेम का सहारा,

ये बेंच ही लगता है घर हमारा।


जी आर कवियूर

15.09.2025

 (

कनाडा, टोरंटो)

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