के लिए ही
राग में भाव बहे
राधाकृष्णा काली रूप में
सुंदर दृश्य देखा हमने
राधा ही ने देखा, है कन्हैया
काली रूप में भी
देखा उनके मस्तक पर
मोर के पंख झूमते
बाँसुरी में मधुर बजी
राधा ही ने सुना
कन्ना, तेरी माया के भावों से
न देखा कोई और, केवल तू ही
निर्मल रूप तेरा
कृपा करके दिखा दे, है कन्हैया
असीम प्रेम में
हम तेरे सामने झुके
प्रेम का सूरज चमका
हृदय में शिक्षा दी
तारों ने सजाया
तेरे पाद कमल को
मधुर संगीत हृदय में
जीवन को भर देगा, है कन्हैया
जी आर कवियुर
13 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
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