Monday, September 22, 2025

हृदय का प्रतीक

 हृदय का प्रतीक


एक नीरव दृश्य में, यादें गाती हैं नई धुन।

भले ही कई रास्ते बंद हों, तुम्हारे भीतर की रोशनी टिकती रहती है।

आँसुओं की बारिश में, मुस्कानों के सूरज में,

हर क्षण एक नया अनुभव देता है।


धन नहीं, केवल प्रेम ही,

हृदय को उसका विशाल स्थान देता है।

जागो, उठो, और अपने भीतर खुद को खोजो,

तुम्हारे चमकते प्रतिबिंब आकाश में उड़ते हैं।


कविताओं में, सपनों में, हर विचार में —

सृजन हमेशा तुम्हारे हृदय के केंद्र में वास करता है।

कहीं भी खुद को खोने मत दो,

हृदय की तेज़ी में तुम्हारा स्थान हमेशा उज्ज्वल रहे।


जी आर कवियुर 

22 09 2025


( कनाडा , टोरंटो)

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