पिता सदा हैं जगमग चाँद,
मार्गदर्शक तारा महान।
जीवन भर की मेहनत सारी,
हृदय में थी करुणा भारी।
अनगिनत दिन, अनगिनत रातें,
प्यार से खोले जीवन की राहें।
पिता सदा हैं जगमग चाँद,
मार्गदर्शक तारा महान।
अन्न दिया और शिक्षा दी,
सपनों की राहें रोशन की।
स्नेह भरे वे मधुर वचन,
जीवन में बन गए प्रदीपन।
पिता सदा हैं जगमग चाँद,
मार्गदर्शक तारा महान।
समय बदलता, चाल भी बदले,
करुणा की ज्योति कभी न बुझे।
पिता सदा हैं जगमग चाँद,
मार्गदर्शक तारा महान।
पिता सदा हैं जगमग चाँद,
मार्गदर्शक तारा महान।
जी आर कवियुर
26 09 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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