शोर से बढ़कर शांति चुनो,
मौन ही अपनी वाणी बनाओ।
मधुर नदियाँ धीरे राह बनातीं,
धैर्य अँधियारे को हराता है।
बादल छिपाएं तो क्या हुआ,
यात्रा हमेशा चलती रहेगी।
मन दृढ़ हो तो भय मिटेगा,
सत्य उठकर प्रकाश बिखेरेगा।
रायें बरसें जैसे झड़ी हों,
शांति ही स्थायी रहेगी।
स्थिर हृदय उजाला लाएगा,
हर रात में ताकत जगाएगा।
जी आर कवियुर
11 09 2025
( कनाडा, टोरंटो)
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