Saturday, November 30, 2024

"तेरी खुशबू से महकता मेरा जहां" (ग़ज़ल)

"तेरी खुशबू से महकता मेरा जहां" (ग़ज़ल)

मिट्टी की सुगंध से
तेरी आने की खबर मिल जाती है,
बरसात की हर बूंद में याद तेरी बस जाती है।

ख़ामोशी भी अब तेरे गीत गाती है,
तेरे बिना हर शाम अधूरी रह जाती है।

तारों से पूछूं कि तू कहां छुपा बैठा है,
चांद भी तेरे आने की गवाही दे जाता है।

दिल के हर कोने में तेरा नाम बसा है,
हर धड़कन तेरा एहसास बनकर आता है।

आंखों के आंसू भी अब मुस्कान से कहते हैं,
तेरी याद का हर पल दिल को बहलाता है।

तेरी परछाईं से रोशन है ये वीराना,
तेरे बिना भी तन्हाई मुस्कुराती है।

शायर 'जी आर' के अल्फ़ाज़ों का जादू देखो,
हर गज़ल तेरे नाम लिखी जाती है।

जी आर कवियूर
01 12. 2024

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