Wednesday, November 20, 2024

तेरी यादों का असर" (ग़ज़ल)

तेरी यादों का असर" (ग़ज़ल)

तेरी उम्मीद लिए रहता हूँ मैं,
इस गली चौबारे पे खामोशियों में।

तेरी आँखों में जो देखे हैं मैंने ख्वाब,
वो ख्वाब भी तुझसे ही जुड़े हैं, दिल की तन्हाई में।

तेरी यादों के साए में जी रहा हूँ मैं,
तुझसे दूर, फिर भी तू हर पल पास है मेरी जिंदगी में।

रातों की चाँदनी में तेरा ही चेहरा दिखाई देता है,
सपनों में भी तेरा ही प्रेम हर लम्हा महसूस होता है।

इन खामोश लम्हों में तुझे याद करता हूँ,
क्योंकि तू है मेरी धड़कन, मेरी हर साँस, मेरी राहों में।

जीआर के नाम से अब तक प्रेम हो जाता है,
तू हो ख्वाबों का हिस्सा, और मेरी हर आवाज़ में।

जी आर कवियूर
20 11 2024

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