Wednesday, November 13, 2024

मेरे बेजान दिल को ( गजल )

मेरे बेजान दिल को ( गजल )


मेरे बेजान दिल को
जान भर दिया तेरे आने से
तेरी नैनों ने मुझे घायल कर
एहसास दिला दिया प्यार का

तेरे होठों की ख़ामोशी ने
कुछ राज़ छुपाए हैं अपने
तेरे आंचल की ठंडी छांव में
सुकून है मेरे दर्द का

जबसे तेरी चाहत ने मुझे
बेकरारियों से भरा है
दिल में एक हलचल सी है
और हर सांस में नाम तेरा है

तेरे हर लम्स में बसी है
एक जादू सी कशिश
जाने कब से मैं भटक रहा था
अब तू ही मेरा ठिकाना है

जीवन के इस सूने सफर में
तेरी मोहब्बत ने रौशनी दी
अब कोई और चाह नहीं
बस तेरा साथ और सदा तेरी यादें

ये अश'आर लिखे हैं मैंने,
तुझसे मिला जो प्यार, 'जी आर'


जी आर कवियूर
13 11 2024

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