Friday, November 29, 2024

गम भरे दिल में (ग़ज़ल)

गम भरे दिल में (ग़ज़ल)

ग़म भरे दिल में तेरी
यादें कांटा बन गईं,
हर खुशी तेरी सूरत की
छाया बन गईं।

चाहा भुलाना तुझे,
पर कैसे भुलाते,
हर लम्हा तेरी यादों की
दुनिया बन गईं।

तन्हाई में जब भी
तेरा ज़िक्र आया,
आंखों से छलकते
आंसू दुआ बन गईं।

तूने छोड़ा तो समझा
दुनिया उजड़ गई,
पर तेरी बेवफाई ही
मेरी अदा बन गईं।

गुज़रे लम्हों के धागे
दिल से बांध रखे हैं,
ये मोहब्बत की राहें
कब्र-सा मकां बन गईं।

शायर जी.आर. ने बस
इतना ही सीखा,
इश्क़ में हर तकलीफ़
शेर की सज़ा बन गईं।

जी आर कवियूर
30 11 2024

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