Saturday, November 9, 2024

मौनराग की स्मृतियाँ

मौनराग की स्मृतियाँ
क्या एक गीत बन कर मुझ तक पहुंचती हैं?
सांसों की तारों में
तुमसे मिलने के लिए कौन सा रास्ता है?

जब तुम्हारी यादें मेरे दिल में समाती हैं
क्या वे बारिश की तरह खिलती हैं यहाँ?
तुम्हारी अनुपस्थिति में जब मैं तुम्हें याद करता हूँ
उड़ते शब्द कहीं खो जाते हैं?

फूलों की पंखुड़ियों में गिरते आंसुओं की तरह
प्रभात गाता है प्यार भरे गीत
हर एक पल में, तुम्हारी मुस्कान की छाया
बारिश की तरह फैल जाती है मेरी राहों में।

जी आर कवियूर
10 11 2024


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