Monday, November 25, 2024

"तेरी मोहब्बत का साया"(ग़ज़ल)

"तेरी मोहब्बत का साया"(ग़ज़ल)


मैं तेरी आँखों में काजल बनकर छुप जाऊं,
मुस्कुराहट की आहट में हरदम बस जाऊं।

तेरे चेहरे की रौशनी में नूर बन जाऊं,
तेरी साँसों की खुशबू में चुपके से समा जाऊं।

तेरी जुल्फों की छाँव में अरमां बो दूं,
तेरी बाहों की तपिश में अपना दिल खो दूं।

तेरे लम्हों के साए में ठहर जाऊं,
तेरे ख्वाबों की दुनिया में सुकून पा जाऊं।

तू जो इश्क़ से अपने मुझको सजाए,
तेरी धड़कन का तराना मैं गीत बना जाऊं।

शायर "जी.आर." की आरज़ू ये है कि,
तेरी मोहब्बत में मैं खुदा तक पहुँच जाऊं।

जी आर कवियूर
26 11 2024

No comments:

Post a Comment