Sunday, November 3, 2024

बढ़ते रहें।

नींद से जागने को सुबह चाहिए,
खुद को जगाने को साथी चाहिए।
राह में चलें तो मंज़िल का एहसास हो,
हर मोड़ पर एक नया उजास हो।

दिल में हौसले का दीप जलाए,
अंधेरों में भी रौशनी पाएं।
साथी का हाथ हो गर थामे,
हर कठिनाई में राह पाए।

सपनों को उड़ान का साहस मिले,
हर मुश्किल में उसका साथ मिले।
इस सफर में यूँ ही चलते रहें,
प्यार और भरोसे से बढ़ते रहें।

जी आर कवियूर
03 11 2024







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