दिल की ग़ज़ल"
कभी-कभी तेरी याद सताती है,
कहो तो कहे किसको मेरे यारो।
जब भी तेरे ख्याल आते हैं,
दिल में एक दर्द छुपाती है।
तेरी यादों में खो जाता हूँ,
हर रात ये तन्हाई में लहराती है।
क्या कहूँ, किससे कहूँ दिल की बात,
तेरे बिना जिंदगी तन्हा सी लगती है।
हर मोड़ पर तेरी तस्वीर मिलती है,
जैसे रेत में लहरों की आवाज़ आती है।
गर मुझे इस दिल का हाल बताना हो,
तो बस मेरा जीना सवाल उठाती है।
जी आर कहे, इस दिल में तू समा गया,
तेरे बिना अब जीना मुहाल हो गया।
जी आर कवियूर
22 11 2024
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