हमारी ज़िन्दगी की सुनहरी बारिश
मित्रता के छोटे-छोटे मोती फैलाती रहती है,
सपनों में भी साथ चलने वाला,
यह मित्रता कभी न रुके, यही आस रहती है।
कभी दुःख में साथ खड़ा होने वाला,
दिल में अपनी जगह बनाने वाला,
यादों में एक साथ जीने वाला,
क्या वो सच्चा दोस्त नहीं कहलाता?
जब शब्दों में मुस्कान बिखरे,
आंखों में प्यार झलके,
बिना कहे दोस्ती का बढ़ना,
दिल के जख्म भी छिप जाएं।
दूसरों के लिए
जो खुद को भुला दे,
दिल में सुख का एहसास
उसे ही तो होता है
सच्चा दोस्त वही है।
जी आर कवियूर
06 11 2024
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