तेरे नैनों से इतना प्यार हुआ,
नेक यही कहते हैं कि तूने मुझे,
नग़मे लिखने की आदत बनाई,
आज भी उसे पढ़ता हूं मैं।
तेरी यादें ही मेरी दुनिया बनीं,
इन राहों पे मैं अकेला चला हूं मैं।
तू दूर सही, फिर भी पास है तू,
दिल में तेरे ही इश्क़ की राहों पे चला हूं मैं।
रातों में तेरे ख्वाबों में खो जाता हूं,
तेरी हंसी की आवाज़ में बसा हूं मैं।
खुशियों का नाम अब तेरे साथ जुड़ा,
जीने की वजह अब तू है, जानू मैं।
जी आर के ज़िंदगी के सफर में ये भी जाया,
मेरे दिल में तुम हो और मैं हूँ।
जी आर कवियूर
01 12. 2024
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