तू मुझसे इतना गिले शिकवे
ना दिखा मेरे यारा दिलदारा।
हर दर्द का रिश्ता है तेरे वजूद से,
फिर क्यों जुदा कर दिया, ऐ सहारा।
यह आईने से पूछा मेरे कसूर क्या है,
दर्द के सिवा क्या मिला मुझको।
तेरे ख्यालों से रोशन हैं रातें,
जैसे जुगनू चमके अंधेरों में।
हर जख्म ने तेरी यादों को छुआ,
हर आह ने तेरा नाम लिया।
तेरे बिना अधूरी-सी है जिंदगी,
जैसे सागर बिना किनारा।
"जी.आर." का दिल अब टूट चुका,
पर हर शेर है तेरा तलबगारा।
जी आर कवियूर
01 12. 2024
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