तुझे पलकों में छुपा हूं,
लबों पे नगमे बनकर।
सांसों में बसी है सरगम,
धड़कनों में तू बसकर।
हर ख़्वाब में रंग भरे तू,
हर अहसास को छू जाए।
तू है चाँदनी रातों का,
सुरमयी एक प्यारा साया।
तेरी यादों की घटा है,
बरस-बरस के भीगी है।
हर घड़ी तेरा ही ख़्याल,
दिल में बसा यह राग है।
मेरे दिल की हर धड़कन,
तेरी धुन को गुनगुनाए।
तेरे बिना अधूरा हूँ मैं,
जैसे फूल बिना बहार।
तू मेरे हर सपनों का,
एक प्यारा सा गीत है।
सांसों के संग तू रचे,
खुशबू की जो प्रीत है।
जी आर कवियूर
01 11 2024
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