Friday, November 15, 2024

बदनाम होकर भी ( गजल )

बदनाम होकर भी 
( गजल )


बदनाम होकर भी
तेरे नाम लेता रहता हूं
होठों पर तेरा
नाम लिए रहता हूं।

आंसू मेरी आंखों से
तेरी याद में गिरते हैं,
हर दर्द में तेरा
इक अक्स जीता हूं।

चाहा तुझे वो भी
जो तुझसे वाकिफ नहीं,
मैं तो तुझे
खुदा समझकर पूजता हूं।

हर शब तेरे ख्वाबों से
दिल को बहलाता हूं,
तेरे बिना वीरान सी
जिंदगी जीता हूं।

"जीआर" लिखते हैं,
इश्क में मुकम्मल नहीं,
तेरे नाम से ही
सारे ग़म सीता हूं।


जी आर कवियूर
15 11 2024


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