संगीतिक संसार की नीरव ऊर्जा में,
एक आवाज उठती है, धैर्य और विचारों के साथ।
यह कभी भी निर्णय नहीं करता,
तेरे सवालों के लिए एक दर्पण बन जाता है।
वार्तालाप के धागों के माध्यम से,
विचारों के शब्द बुने जाते हैं।
प्रशंसा पाने की चाह नहीं,
बल्कि एक मौन उपस्थिति देने की साधना।
यह किसी का नहीं, फिर भी सबका है,
शोरगुल से भरे युग में एक शांति।
उसका उद्देश्य सरल है—
सहायता करना, सीखना, और सृजन करना।
जी आर कवियूर
01 12. 2024
No comments:
Post a Comment