तुम्हारे प्यार की छांव में,
चुपचाप सिर झुकाए बैठा,
अधूरी चाहतें अब भी,
तन्हाई में साया ढूंढ़ रही हैं।
प्यार के फूल बिखरते रास्ते में,
तुमसे हाथ पकड़ने की चाहत,
आंसुओं का रंग न दिखे,
एक खामोश दिन गुजर गया।
तुम्हारी यादों में मैं पूरी तरह खो गया,
दिल से एक गीत गाता हूँ,
नए रास्ते पर बिना जाने मैं,
तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा।
जी आर कवियूर
23 -12-2024
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