Saturday, December 28, 2024

"तेरे नाम से" (ग़ज़ल)

"तेरे नाम से" (ग़ज़ल)

तेरे नाम से गाऊं ओ पिया
मुझे छोड़ कर गई तुम कहां।
चांद छुपा है बादल में,
निंदिया तू कहां गई।

हर एक बात तेरी याद आई,
चुपके से मेरी सांस थम गई।
फिज़ाओं में तेरी खुशबू है,
पर तूने ये दूरी क्यों बनाई।

दिल की वीरानी बढ़ती गई,
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी है।
सुनो लौट आओ मेरी जां,
सजदे में है दुआ भी मजबूरी है।

तेरे नाम से जी आर हो गए पागल,
हर शेर और नग़मे तेरे लिए ही लिखा हूं।

जी आर कवियूर
28-12-2024

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