अजनबी आई एक ठंडी हवा में
तेरी खुशबू का एहसास मैंने किया
मन में भर गया एक नया सपना
तेरे गीतों में मीठास लहराती है।
वर्षा की बूँदों जैसी नीला आसमान
तेरी यादें ही फूलों की तरह खिलेंगी
दिनों में हंसी और रातों में सपने
तेरे लिए मैं सब कुछ बदल दूँगा।
चाँदनी की रोशनी मन में छा जाएगी
पक्षियों के गीतों में प्रेम बहने लगेगा
तेरी वापसी से फिर से नया जन्म होगा
मेरी ज़िन्दगी फिर से मधुर हो जाएगी।
जी आर कवियूर
24 -12-2024
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