"रागों की तलाश में" (ग़ज़ल)
तेरे गीत की सरगम सुनकर
अंतरा में बसने को दिल किया
चढ़ते-उतरते सुरों की धारा में
ढूंढ रहा हूँ अपना पहला प्यार
वीणा के मधुर स्पर्श सा
तेरे शब्द पास गूँजते हैं
संगीत की नर्म धुनों संग
दिल के तार झंकृत करते हैं
इंद्रधनुष के रंगों से सजी यादें
तू जब मेरे प्रेम की तस्वीर बने
दिन और रात स्वप्न गाते हैं
तेरी मुस्कान में बदलती ये ज़िंदगी!
जी आर कवियूर
30-12-2024
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