"तेरी यादों का तराना"(ग़ज़ल)
नज़रें बिछाए तेरी राहों में,
नाज़ुक हो गए मेरे नैना।
कैसे करूं बयां दिल की बातें,
लब पे आता नहीं कोई फ़साना।
चाँदनी रात भी अब अधूरी,
तू नहीं तो हर मंजर वीराना।
धड़कनों में छुपा हर इक नग़्मा,
तेरे ग़म का सुनाता अफ़साना।
तेरी यादों ने हर पल रुलाया,
छूट न पाया कोई भी बहाना।
दिल से दिल का बंधन है गहरा,
तोड़ा इसको किसी ने न जाना।
दूर रहकर भी तू पास लगता,
हर ख़याल में है तेरा ठिकाना।
'जी आर के' के मन में बसता है,
तेरी यादों का प्यारा तराना।
जी आर कवियूर
24-12-2024
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