Monday, December 16, 2024

एक खामोश मुस्कान

एक खामोश मुस्कान

हंसते चेहरों को जब हम देखते हैं,
आंखें छुपा लेती हैं अंदर का दुख,
मुस्कान की चमक में खो जाते हैं
वो लम्हे, जो दर्द से भरे होते हैं।

दिखने वालों को वो सुंदर लगेगा,
पर दिल के जख्म कौन समझेगा?
सहनशक्ति की सीढ़ियां चढ़ते हुए
मन चुपचाप रोता है, मुस्कान थम जाती है।

बिन कहे दिल एक हथियार बन जाता है,
हंसता चेहरा दुनिया के लिए आईना बन जाता है,
गहराइयों में छुपा आंसुओं का रास्ता
कहानी बन जाती है एक खामोश मुस्कान की।

जी आर कवियूर
17 -12-2024 


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