"तुम जैसा कारवां"
मिलने को मिल गया,
भटके हुए राही को,
तुम जैसा कारवां।
दिल को मिला सुकून,
रातों में ख्वाब बनकर,
चैन से नींद मिल गई।
सूरज की पहली किरण,
जैसे तेरी मुस्कान।
जीवन में रंग भरे,
तेरे प्यार का सामान।
हर लम्हा रोशन हुआ,
तेरी चाहत की वजह से।
सपनों को पर लग गए,
तेरे साथ चलने से।
फिज़ाओं में तेरी खुशबू,
बन गई मेरी पहचान।
हर एक पल संवर गया,
तेरे प्यार का अरमान।
मिलने को मिल गया,
भटके हुए राही को,
तुम जैसा कारवां।
जी आर कवियूर
30-12-2024
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