Sunday, December 1, 2024

तेरा दर्द, मेरी ज़ुबां (ग़ज़ल)

 तेरा दर्द, मेरी ज़ुबां (ग़ज़ल)

तेरे लिए मैंने,
नज़रें बिछाई हैं,
दिल की राहों में,
ख़्वाबों को सजाई हैं।

तेरी हँसी की मीठी तान,
मेरे दिल को सुकून दे गई,
तेरे प्यार में खो जाने की,
हर पल तमन्ना जगाई हैं।

तेरे बिना जीना है मुश्किल,
तू है वो ख़्वाब जो सच्चाई है,
इश्क़ में तू बसा है दिल के भीतर,
तेरे दर्द को महसूस करती हूँ मैं,
जी आर तेरी यादों में खोई हूँ मैं,
तेरे बिना ये दुनिया वीरान है, 

जी आर कवियूर
02 12. 2024

No comments:

Post a Comment