Friday, December 27, 2024

"यादों का असर" (ग़ज़ल)

"यादों का असर" (ग़ज़ल)

रुत आए रुत जाए,
जाती नहीं तेरी यादें।
तस्वीर तेरी आँखों में,
संजोईं हैं कई चाहतें।

सपनों में तुझे देखूं मैं,
जैसे हर सुबह नया इंतजार हो।
तेरी यादों का असर इतना गहरा,
कि लम्हों में भी तेरा प्यार हो।

तुझसे दूर मैं जाऊं,
फिर भी तुझसे मिलने की राहें।
तेरी यादों के साए में,
मरी रातें और सवेरा आते हैं।

मुझे मिल जाए दिल की तसल्ली,
पर तू जो छुपा है, वो नहीं खोते।
जी आर के मन नहीं बदले,
तेरी यादों में अब भी खोते।

जी आर कवियूर
27-12-2024

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