तेरी बांसुरी की धुन में
मन मोहित हुआ मोहन।
तेरे प्रेम के रस में डूबा
यह चंचल मन मोहन।
यमुना किनारे, रास रचाए
गोपियां संग नाचे मोहन।
मुरली की मधुर तान से
जग का हर लिया क्रंदन।
तेरे चरणों की रज बन जाऊं
संग तेरे चलूं, मोहन।
भक्ति के सागर में डूबा
यह जीवन सफल कर मोहन।
तेरी मुरली की हर तान
मन को शांत करे, मोहन।
हर पल बस तेरा नाम लूं
मेरा जीवन बने अर्पण।
जी आर कवियूर
07 12. 2024
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