हर नया साल आता है
बीते हुए दिनों की
गलतियों और कमियों को
सुधारने के लिए,
नई उम्मीदों को जगाने के लिए।
खोए हुए पलों का हिसाब
दोबारा समझकर आगे बढ़ते हैं,
जीवन की लंबाई को
महसूस करते हैं उसी पल,
नया साल बनकर आता है एक संदेश।
बदलते रास्तों पर एक रोशनी बनकर,
नए सपने खिल उठते हैं;
समय को विदा कहकर एक पल के लिए,
नई यात्राएँ शुरू होती हैं।
मानवता का स्नेह ठंडक के साथ
हाथ मिलाकर गीत गाता है;
शांति और खुशी के साथ
एक नई सुबह जाग उठती है।
जी आर कवियूर
31-12-2024
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