Tuesday, December 3, 2024

सपनों में तेरा साया (ग़ज़ल)

सपनों में तेरा साया (ग़ज़ल)

जुदा होके और न रह पाए
रात में नींदें टूट चुकीं

दिन में तारे दिखने लगे
तेरी यादों के सपने सजे

हर पल वो तेरे ख्वाबों का असर
जीते जी दिल में बस तुझे सहे

तेरी हंसी, तेरी बातों का असर
जाने क्यों दिल में अब तक रहे

तेरे बिना, ये दुनिया सूनानी है
तू नहीं तो सब कुछ वीरान लगे

इन आँखों में बस तू ही दिखाई दे
तेरी यादों का सूरज हर शाम ढले

अब जी आर की तरह कुछ कहना है
मेरे दिल की कहानियाँ तुझसे जुड़ी हैं

जी आर कवियूर
03 12. 2024

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