शमा परवाने से पूछा,
जैसे चांद चांदनी से।
मैं तुमसे क्या पूछा,
एक रास जाने के लिए।
तुम मुझमें समा जाओ,
जैसे रात दिन में घुल जाए।
तुम्हारी यादों की खुशबू,
हर सांस में महक जाए।
प्यार का ये अफसाना,
फिज़ाओं में बिखर जाए।
तेरे इश्क़ का हर रंग,
मेरे दिल पे उतर जाए।
तू मेरी जां, मैं तेरा अश्क,
तेरे लिए जीता है जी आर ।
जी आर कवियूर
01 12. 2024
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