रुख़सत से पहले, दिल खामोशी से बोले,
क्षण ठहर जाएं, यादें धीरे से डोले।
अनकहे शब्द हवा में घुले,
भावनाएं खिलें, अनमोल मिले।
आँखें मिलीं, एक चुप आंसू,
छुपे जज़्बात, फिर भी हैं पूरी छू।
समय धीमा हो, साँस थमी सी,
धुंधले उजाले में नाचें परछाइयां भी।
वादे कोमल, सच्चे और प्यारे,
रास्ते भले अलग हों, उम्मीदें हमारे।
एक आख़िरी छूआव, एक अंतिम सांस,
विदाई से पहले, प्यार रहे पास।
जी आर कवियुर
08 08 2025 ,7:30 am
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