Friday, August 15, 2025

दीवाना हूँ – एक ग़ज़ल

दीवाना हूँ – एक ग़ज़ल

हर धड़कन में तेरी याद महसूस करता हूं,
तुझे देखकर ही हो गया तेरे दीवाना हूं।

चाँदनी रात में तेरी परछाई ढूँढता हूँ,
हर ख्वाब में मैं बस हो गया तेरे दीवाना हूं।

तेरे बिना सूना लगता है ये दिल मेरा,
तेरी मुस्कान में अब मैं ही हो गया तेरे दीवाना हूं।

हवा में तेरा नाम घुला, हर साँस में महसूस करता हूँ,
हर लम्हा तेरी याद से हो गया तेरे दीवाना हूं।

सितारों की रोशनी में तेरा चेहरा तलाशता हूँ,
हर पल तेरे ख्यालों में हो गया तेरे दीवाना हूं।

जी आर की दास्ताँ लिख दी हमने,
हर शब्द में अब मैं ही हो गया तेरे दीवाना हूं।

जी आर कवियुर 
16 08 2025
(कनाडा,टोरंटो)

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