कृष्ण का हृदय चुराया गया,
कौन लिया, कोई नहीं जानता,
लेकिन उनके जन्मदिन के जश्न के लिए,
उन्होंने बरसाना में सुंदर रूप से सजधज किया।
हर जगह “राधे राधे”, राधारानी का नाम,
इसके साथ कृष्ण के जयघोष,
भक्तों ने रंग फैलाए,
वाद्यध्वनि के साथ भजन आकाश तक गूँजे।
पथ के हृदय पर फूल बिखरे,
स्नेह की बूँदों से भर गया,
भक्तिगीतों की लय पर नृत्य हुआ,
कृष्ण का प्रेम पूरी तरह गाया गया।
घंटियों की ध्वनि से वातावरण भर गया,
भक्तों ने कृष्ण और राधा को स्मरण किया,
पवित्र भूमि पर ठंडी हवा फैली,
हृदय हमेशा आनंद से भर गए।
जी आर कवियुर
31 08 2025
No comments:
Post a Comment