Friday, August 29, 2025

सपनों के रंग

सपनों के रंग

ओणम की यादों में
तुम आते हो मेरे प्यार की तरह
दिल में फूलों की पंखुड़ियों की तरह
खिलते चुपचाप, वही तुम हो।

फूलों से सजे हाथों में
तुम मुस्कुराए फूलों की माला जैसे
ओणम के गीतों में
मिठास फैलाते हुए, वही तुम हो।

नाव के गीतों की लहरों में
संगीत की तरह बहते हुए, वही तुम हो
ओणम की धूप में चमकते हुए
जीवन में आनंद भरते हुए, वही तुम हो।

ओणम के खाने की खुशबू
दिल में फैलती हुई
हर स्वाद में शहद की तरह
तुम आते हो प्यार के गीत की तरह।

जी आर कवियुर 
29 08 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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