Monday, August 25, 2025

अकेले विचार – 108

अकेले विचार – 108

शब्द हाथों से नहीं छुए जाते,
फिर भी हृदय में गहराई तक उतर जाते।

मौन अक्षर अग्नि समाए,
आशा जगाएं, स्वप्न सजाए।

तालों के बिना द्वार खोलें,
अंतरतम के चित्र बोलें।

धीरे सुर मरहम बन जाते,
दुख हरते, जीवन सजाते।

ना कोई सीमा, ना कोई रोक,
शब्द बनें दीप, अनंत शोक।

जी आर कवियुर 
25 08 2025
( कनाडा, टोरंटो)

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