समय बहता है, लौटकर नहीं आता,
हर पल हमें कुछ नया सिखाता।
दोस्त चमकते हैं रात के सितारों की तरह,
दिल में भरते हैं गर्माहट और खुशी की तरह।
साथ बिताए पल और अनमोल हो जाते,
सफ़ेद बालों संग यादें फिर जगमगाते।
जवानी ढलती है पर हँसी रह जाती,
कमज़ोरी में भी तसल्ली मुस्कुराती।
ऋतुएँ बदलतीं, रिश्ते बने रहते,
ग़म घटते, दर्द भी हल्के पड़ते।
उम्र दिखाती है सच्चाई का नूर,
समय और दोस्त — ज़िंदगी के उज्ज्वल दस्तूर।
जी आर कवियुर
24 08 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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