Wednesday, August 20, 2025

यादों की महफ़िल ( ग़ज़ल)

यादों की महफ़िल ( ग़ज़ल)

काश तेरी यादों को ग़ज़ल में निखार लूं
कितनी भी कोशिश करूं, शेर को निखार लूं

हर जज़्बात छुपा के, तन्हाई में संवार लूं
इन अश्कों की बरसात में, दर्द को निखार लूं

तेरे हुस्न की तस्वीर, ख्यालों में उकेर लूं
दिल की वीरान गलियों में, प्यार को निखार लूं

वो बीते लम्हें जो छूट गए, यादों में सजाऊँ
हर पल की ख़ामोशी में, आवाज़ को निखार लूं

हवाओं से पूछ लूं मैं, तेरी खुशबू कहाँ खोई
इन मौसमों की बदलती राहों में, खुशियों को निखार लूं

अगर मंज़ूर हो तन्हा दिल को तेरे नाम कर दूँ
जी आर की इन लकीरों में, मोहब्बत को निखार लूं

जी आर कवियुर 
20 08 2025
( कनाडा,टोरंटो)

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