Sunday, August 17, 2025

अष्टमंगल्य

अष्टमंगल्य

कमल खिलता पवित्र आभा में,
हाथी चलता शांति के साथ।

शंख बजता पवित्र गीत,
सफलता और समृद्धि सबके साथ।

आइने में प्रतिबिंबित शुद्ध प्रकाश,
अनंत आनंद दिन-रात फैलाए।

स्वस्तिक हर द्वार पर अंकित,
संपत्ति बहती हर ओर निरंतर।

सोने का घड़ा और अनाज की बहार,
कोई दुख नहीं, केवल सुख का अधिकार।

आठ शुभ संकेत मार्ग दिखाए,
सौभाग्य हर दिन जीवन में समाए।

जी आर कवियुर 
18 08 2025
( कनाडा, टोरंटो)


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