नारियल का पेड़, कल्पवृक्ष, ऊँचा और उजला,
प्रकृति का उपहार, आश्रय और प्यारा।
पत्ते हवा में धीरे-धीरे नाचते हैं,
घर बनाने और छाया देने में मदद करते हैं।
नारियल देता मीठास, पानी से स्वास्थ्य बढ़ता है,
तना मजबूत, घरों को बनाता है सदा।
छिलका, रेशा और खोल—कुछ भी व्यर्थ नहीं,
खोल बर्तन बनते हैं, रेशा काम आता है सभी में।
जड़ें धरती को पकड़ती हैं, फूल फैलाते सुगंध,
इस पेड़ का हर हिस्सा उपयोगी और अनुपम।
बारिश और धूप का आशीर्वाद पाकर,
नारियल का पेड़, हम सदा तेरा आभार मानते हैं।
जी आर कवियुर
30 08 2025
( कनाडा, टोरंटो)
No comments:
Post a Comment