सैनिक का संगीत है न्यारा। (गीत)
कैसी बयार में सुरों की सदा।
सीने पे तिरंगा लहराए जो,
दिल से निकली वह रागनी क्या।
मरुधरा में भी गीत उगाए,
बर्फ़ीली रातों में स्वर सजाए।
ना तानसेन, ना बैजू बावर,
ऐसा सुर किसी ने ना गाया।
धरती की छाया, नभ की पुकार,
हर धड़कन में वीरों का प्यार।
जो बोले वो सच्चा तराना,
सैनिक का संगीत है न्यारा।
जी आर कवियुर
२० ०५ २०२५
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